निरामय योजना में मरीज को मुफ्त सबि दवा नेहीं मिलता हे, बहरसे खरीदना पड्ता है


डॉक्टर सादे कागज पर अलग दवा लिख रहे हैं 

पट्टामुंन्डाइ -केंद्रापडा जिला पट्टामुंन्डाइ उप-जिल्ला अस्पताल राजनगर, अ।ली, राजकनिका के मरीजों निर्भर करते है। ओडिशा सरकार योजनाओं में कई सुविधाएं मुफ्त कर दिए जाने से मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकार का कहना है कि राज्य में निरामय योजना १०० फीसदी सफल है ।  सभी अस्पतालों में मरीजों को दवाइयां निःशुल्क दी जाती हैं। मरीज अब बाहर से दवा नहीं खरीदेंते हें  । लेकिन मरिजोने दवा के लिए घंटों घंटों इंतजार करने के बाद भी जरूरी दवा नहीं मिल पाती है.। मरीजों को बाहर की दवाई दुकानों से दवा खरीदने को मजबूर होना पड़ता है.।  फिर केंद्र व राज्य सरकार की निःशुल्क दी जाती इलाज योजना धोखा हैकरके लोगो बोलते हें ।

सामाजिक कार्यकर्ता ज्योति प्रकाश प्रधान कहना है कि राज्य सरकार ने मरीजों को मुफ्त दवा उपलब्ध कराने के लिए २०१५ में निरामय योजना शुरू की थी ।  पट्टामुंन्डाइ सब डिवीजन अस्पताल में एक काउंटर खोला गया है । मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण केंद्र पर लंबी कतारें लग रही हैं । लाइन में लगे कुछ मरीज तो घंटों घंटों खड़े रहते हें। इसमें ज्यादा औषधियाँ नहीं पाई जातीं। अगर डॉक्टर ने १० दवाएं लिखी हैं तो उनमें से ६दवा मिलना मुश्किल है जाता हे ।

एक मरीज की देखरेख करने वाली विजय नायक काहा हैं, ”प्रिस्क्रिप्शन लिखते समय डॉक्टर सादे कागज पर बाहरी कंपनी की दवा लिख के देते हे । बताया जाता है कि निरामय केंद्र पर सभी इलाज केलिए दबा उपलब्ध नहीं हैं । जो दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती हैं उनकी कीमतें काफी ज्यादा हैं । डॉक्टर की डीयूटी के बाद दोबारा आने वाले डॉक्टर अलग-अलग दवा लिख के देते हैं. गरीब मरीजों के लिए ऊंची कीमत पर दवा खरीदना संभव नहीं है. वहीं दूसरी ओर डॉक्टर दवा का कंपोजीशन लिखने के बजाय कंपनी ओर डबका नाम लिख कर देते हैं। निरामय सेंटरों में बड़ी कंपनी की दवाएं नहीं मिलतीं। निरामय दवाओं की जगह ब्रांडेड दवाएं लिखी जा रही हैं। डॉक्टरों और दवा कंपनियों की अंदरूनी मिलीभगत का शिकार गरीब मरीज हो रहे हैं। इसलिए राज्य सरकार को तत्काल चिकित्सा केंद्र में काउंटरों का विस्तार कर सभी दवाइयां रखने की जरूरत है । मरीजों और उनके रिश्तेदारों ने कहा कि यदि निरामय केंद्रों पर अधिक प्रकार की दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी तो मरीजों को दवा कंपनियों और डॉक्टरों के शोषण से मुक्ति मिल जाएगी तो आच्छा रहेगा करके बैले ।

इसी तरह मरीज अर्चना पात्र का कहना है कि नियम है कि डॉक्टर निरामय सेंटर पर उपलब्ध दवाएं ही लिखेंगे। तथा मरीज को दवा निःशुल्क उपलब्ध करायी जायेगी। निरामय केंद्र मे सर्दी, बुखार, खांसी जैसी सामान्य बीमारियों को छोड़कर गंभीर बीमारियों की कोई दवा नहीं है। साथ ही डॉक्टर द्वारा लिखी गई महंगी दवा बाहर दवा दुकानों में मिलती है। ऐसे में राज्य सरकार कह रही है कि निरामय योजना के तहत मुफ्त दवाएं मिलती हैं ।  गरीब मरीजों को लाभ मिल रहा है. पट्टामुँड़ाई उप-जिला स्तर के अस्पताल में इस तरह की घटना ने उपचार योजना के सवाल खड़े कर दिये हैं ।  जिला स्वास्थ्य अधिकारी ड॰अनिता पटनायक का कहना है कि अगर ऐसी घटना सच है तो कार्रवाई की जाएगी ।